नैनीताल में स्थित मंदिर
नैनादेवी मंदिर (Naina Devi Temple) –
नैनीताल में, नैनी झील के उत्त्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है। 1880 में भूस्खलन से यह मंदिर नष्ट हो गया था। बाद में इसे दुबारा बनाया गया। इसका निर्माण मोतीराम शाह ने करवाया था। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं। नैनी झील के बारें में माना जाता है कि जब शिव सती की मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे, तब जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। नैनी झील के स्थान पर देवी सती के नेत्र गिरे थे। इसीसे प्रेरित होकर इस मंदिर की स्थापना की गई है।
गार्जिया माता मंदिर (Garjia Mata Temple)
गर्जिया देवी मन्दिर या ‘गिरिजा देवी मन्दिर’ उत्तराखण्ड के सुंदरखाल गाँव में स्थित है, जो माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक है। उत्तराखण्ड का यह प्रसिद्ध मंदिर रामनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर छोटी पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है, जहाँ का खूबसूरत वातावरण शांति एवं रमणीयता का एहसास दिलाता है। देवी के प्रसिद्ध मन्दिरों में गिरिजा देवी (गर्जिया देवी) का स्थान अद्वितीय है। गिरिराज हिमालय की पुत्री होने के कारण ही इन्हें इस नाम से पुकारा जाता है।
सीताबनी मंदिर (Sitabani Temple)
सीतावनी मंदिर रामनगर से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं सीता मां का मन्दिर घने वृक्षों के बीचों-बीच स्थित सुन्दर एवं शान्त मन को मोह लेने वाला है। यात्री यहां मां के दर्शन तथा स्नान करने आते रहते है । सीतावनी कार्बेट नेशनल पार्क का बहुत प्रसिद्ध पर्यटक स्थल माना जाता है। यह मंदिर तथा खुबसुरत नदी के लिए प्रसिद्ध है।
कैंची धाम मंदिर (Kainche Dham Temple)
अल्मोडा मार्ग पर नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर एवं भवाली से 9 किलोमीटर पर अवस्थित है । इस आधुनिक तीर्थ स्थल पर बाबा नीब करौली महाराज का आश्रम है नैनीताल के कैंची धाम स्थित हनुमान मंदिर, आज किस्मत बनाने वाले करोली बाबा के नाम से विश्व भर में विख्यात है। नीम करोली बाबा को हनुमान का एक रूप भी बताया जाता है।सन 1964 में आगरा के पास फिरोजाबाद के गांव अकबरपुर में जन्मे (लक्ष्मी नारायण शर्मा (असली नाम यहाँ तपस्या करने आए थे। उन्हीं के प्रयासों से इस मंदिर का उद्धार हुआ था। बताया जाता है की फर्रूखाबाद के गांव नीम करौली में उन्होंने कठिन तपस्य़ा की थी जिस कारण वे बाबा नीम करौली कहलाने लगे।
घोड़ाखाल मंदिर (Ghorakhal Temple)
“घोड़ाखाल” का शाब्दिक अर्थ है ” घोड़ों के लिए पानी का एक तालाब “। घोड़ाखाल एक छोटा सा गांव सुन्दर पहाड़ी क्षेत्र है , जो कि मुख्य रूप से पहाड़ी लोगों द्वारा पूजा की गई भगवान गोलू के मंदिर के लिए जाना जाता है । जो समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आकर्षक क्षेत्र है । इसे ” घंटियों के मंदिर ” के नाम से भी जाना जाता है, गोलू देवता का मंदिर भव्य व आकर्षक है ।
हनुमानगढ़ी नैनीताल (hanuman gadhi temple)
“हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल” हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर नैनीताल का सबसे प्रसिद्ध मंदिर हैं , जो कि नैनीताल के तल्लीताल से होते हुए वेधशाला वाले मार्ग पर करीब 3 किलोमीटर दुरी पर स्थित हैं।यह प्रसिद्ध मंदिरसमुन्द्र की सतह से 1951 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है यह मंदिर “नीम करोली बाबा” के द्वारा 1950 में बनाया गया था
मुक्तेश्वर मंदिर मुक्तेश्वर
मुक्तेश्वर मंदिर एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य उत्तराखंड के नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में स्थिापित है। मुक्तेश्वर मंदिर मंदिर को मुक्तेश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का नाम भगवान शिव के मुख्य मंदिरों में आता है। यह मंदिर लगभग 350 साल पुराना है तथा भगवान शिव को पूर्णतयः समर्पित है।
हनुमान धाम रामनगर
यह मंदिर रामनगर मे स्थित है । यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है ।
