यह राज्य का पहला क्रोकोडाइल ट्रेल है ।
मुख्यमंत्री ने कहा की क्रोकोडाइल ट्रेल के बनने से जहाँ क्रोकोडायल्स का प्राकृतिक वास में संरक्षण एवं संवर्द्धन होगा,
वहीं क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा । इसकी स्थापना से रोज़गार एवं आर्थिकीय गतिविधियों में वृद्धि होगी ।
उन्होंने कहा कि इसके बनने से इकोलॉजी, इकोनामी दोनों को ही मदद मिलेगी ।
इनके बनने से स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा, होमस्टे के माध्यम से क्षेत्र में
पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा ।
ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल सुरई इकोटूरिज़्म ज़ोन की पश्चिमी सीमा पर ककरा नाला स्थित है ।
यह नाला क्रोकोडाइल (मार्श मगरमच्छ) का प्राकृतिक वास स्थल है ।
मीठे पानी के स्रोतों में पाई जाने वाली मगरमच्छ की यह प्रजाति भूटान और म्याँमार जैसे तमाम देशों में विलुप्त हो चुकी है ।
अंडा देने वाली यह प्रजाति बेहद खतरनाक मानी जाती है । मौज़ूदा समय में इस नाले में 100 से अधिक मार्श मगरमच्छ हैं ।
पर्यटक मगरमच्छों को आसानी से देख सकें इसके लिये 4 किमी. लंबे नाले को चैनलिंग फेंसिंग करके
ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल के रूप में विकसित किया गया है ।
राज्य के इस पहले क्रोकोडाइल ट्रेल में तीन व्यू प्वाइंट और कई वॉच टॉवर बनाए गए हैं ताकि
मगरमच्छों को सुरक्षित तरीके से नज़दीक से देखा जा सके ।