उत्तराखंड के निवासियों का सर्वाधिक योगदान नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा भारत की स्वतंत्रता के लिये गठित आजाद हिंद फौज में रहा था।
चंद्र सिंह नेगी को आजाद हिंद फौज का सिंगापुर में ऑफीसर्स ट्रेनिंग स्कूल का कमांडर नियुक्त किया गया था।
मेजर देव सिंह दानू को सुभाष चंद्र बोस का पर्सनल एडजुटैन्ट (अंगरक्षक) नियुक्त किया गया था।
नेताजी ने कैप्टन बुद्धि सिंह रावत को अपना निजी सहायक नियुक्त किया था ।
कर्नल पितृशरण रतूड़ी को सुभाष रेजीमेंट की प्रथम बटालियन का कमांडर तथा मेजर पदम सिंह को तीसरी बटालियन का कमांडर नियुक्त किया गया था।
नेताजी सुबाष चन्द्र बोस ने कमांडर रतूड़ी को सरदार-ए-जंग की उपाधि से नवाजा।
इन्हें सन् 1944 में बर्मा कैम्पेन में अदम्य शौर्य दिखाने के लिये सरदार ए जंग से सम्मानित किया गया था।
21 सितंबर 1942 को गढवाल रायफल की 2/18 तथा 5/18 आजाद हिंद फौज में शामिल हो गयी।
इन दो बटालियनों में 2500 सैनिक थे जिनमें से 800 सैनिक देश के लिये शहीद हो गये थे।
आजाद हिंद फौज में कुल 23266 भारतीय सैनिक थे जिनमें 12 प्रतिशत उत्तराखंड से थे।
