कीड़ा जड़ी
हाल ही में जैव ऊर्जा रक्षा अनुसंधान संस्थान (डिबेर), हल्द्वानी के वैज्ञानिक डॉ. रंजीत सिंह ने बताया कि कीड़ा जड़ी (कार्डीसेप्सस साईनेसिस) के डिबेर लैब में उत्पादन संबंधी शोध में
हाल ही में जैव ऊर्जा रक्षा अनुसंधान संस्थान (डिबेर), हल्द्वानी के वैज्ञानिक डॉ. रंजीत सिंह ने बताया कि कीड़ा जड़ी (कार्डीसेप्सस साईनेसिस) के डिबेर लैब में उत्पादन संबंधी शोध में
उत्तराखण्ड में भौगोलिक बनावट के आधार पर राजशाही के समय भूमि को सामान्यतः दो भागों में विभक्त किया गया था। पर्वतीय क्षेत्रों की भूमि को राज अभिलेखों में ‘परवत‘ और
रम्माण मूल रूप से चमोली जनपद के सीमान्त जोशीमठ ब्लॉक के सलुड़- डुंग्रा में मनाया जाने वाला कौथीग या उत्सव है । 2 अक्टूबर , 2009 को यूनेस्को ने इस
1857 में ब्रिटिश शासन के विरूद्ध प्रथम विद्रोह में शामिल महान स्वतन्त्रता सेनानी ‘कालू मेहरा‘ (काल्मारज्यू) थे । 1905 में गढ़वाल-यूनियन की ओर से देहरादून से ‘गढ़वाली‘ नाम से अखबार
अलकनंदा : शिवलिंग शिखर के उत्तर-पूर्वी भाग मे अलकपुरी स्थित संतोपंथ शिखर के हिमनद और संथोपथ ताल से अलकनंदा निकलती है ।शीर्ष पर इसे विष्णुगंगा भी कहा जाता है ।
4 अप्रैल 2016 को राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ ही उत्तराखंड में अपना पंचायतीराज अधिनियम लागू हो गया । भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 के अंतर्गत “उत्तराखंड पंचायतीराज विधेयक-2016”
बैजनाथ को प्राचीन काल में बैजनाथ-कार्तिकेयपुर भी कहा जाता था । कत्यूरी घाटी में स्थित, कौसानी से 19 किमी दूर और बागेश्वर से 26 किलोमीटर दूर, यह छोटा लेकिन प्राचीन
कैंची धाम उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है । यह स्थान उत्तराखंड के सुरम्य पर्वतों की तलहटी पर बसा एक मनोरम्य धार्मिक स्थल है । यह
हाल ही में सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने 2019-20 के लिये अपने स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया, जिसमें समग्र स्वास्थ्य प्रदर्शन के आधार पर राज्यों की रैंकिंग
उत्तरकाशी जनपद में स्थित यमुनोत्री हिंदुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है । केदारनाथ॰ बद्रीनाथ की यात्रा का यह प्रथम चरण माना जाता है । गंगोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ की