आचार्य गोपेश्वर कोठियाल का जन्म टिहरी के उदखंडा गांव में फरवरी 1909 में हुआ था।
प्रारंभिक शिक्षा गांव में पूरी करने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए काशी गए। काशी गए। जहां उन्होंने शिक्षा की सर्वोच्च आचार्य परीक्षा उत्तीर्ण की। आचार्य की उपाधी ग्रहण करने के उपरांत कोठियालजी ने सारस्वत मार्ग का आवलंबन न कर उसमें समयोचित संशोधन करते हुए पत्रकारिता के जटिल पथ को अपनाया और उस मार्ग पर आजीवन चले।
1935 में जब उच्च शिक्षा प्राप्त कर वे देहरादून पहुंचे तो उन दिनों टिहरी गढ़वाल राज्य अनेक प्रकार के असंतोषों से उभर रहे जनाआंदोलन का केंद्र बिंदु बना हुआ था ।
अतः जिस प्रकार 1939 में उत्तराखंड में कांग्रेश की आवाज बुलंद करने तथा स्वतंत्रता आंदोलन को जन जन का आंदोलन बनाने के लिए भक्त दर्शन व भैरव दत्त धुलिया आदि ने मिलकर “कर्मभूमि” का प्रकाशन प्रारंभ किया था ।
ठीक उसी प्रकार टिहरी रियासत के जनाअंदोलनो तथा “टिहरी राज्य प्रजामंडल” की गतिविधियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए 15 अगस्त 1947 को भगवती प्रसाद पांथरी , गोपेश्वर कोठियाल तथा तेजराम भट्ट ने मिलकर देहरादून से “युगवाणी” साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन कब आरंभ किया ।
बाद में प्रकाशन तथा संपादन का सारा भार गोपेश्वर कोठियाल के कंधों पर ही आ गया और उन्होंने इस भार को बखूबी से निभाया ।
पत्रकारिता के मूल्यों के मूर्तिमान प्रतीक और हिंदी पत्रकारिता के युगस्तंभ आचार्यजी का देहावसान 19 मार्च 2000 को हुआ।
