देश का पहला pollinator पार्क Uttarakhand के हल्द्वानी मे स्थापित हो गया है । pollinator का अर्थ हिन्दी मे पराग कण होता है इस पार्क को वन अनुसंधान ने निर्मित किया है यह
पार्क 4 एकड़ मे फैला है । इसमे मधुमक्खियों के साथ साथ पक्षियों के 40 से भी अधिक प्रजातियों को सरंक्षित किया गया है । ये पक्षियाँ pollinator (परागकण) मे सहायक होती हैं ।भारत मे अभी तक इस तरह का पार्क कहीं भी विकसित नहीं किया गया है । हल्द्वानी के pollinator मे पूरा वातावरण बनाया गया है । जिसमे
मधुमक्खियाँ, तितलियाँ, छोटे कीड़े, पौधे, पक्षी आदि परागकणों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाकर वास्तविक संतुलन बनाये रखते हैं । इसके लिए पार्क मे हर जगह जलाशय और पक्षियों के घोसले बनाए गए हैं ।पार्क मे जामुन, नीम, सेमल प्रजाति के पेड़ भी लगाए गए हैं , और इसके साथ ही इससे संबन्धित जानकारी डिस्प्ले बोर्ड पर और अन्य कलाकृतियों के माध्यम से दी गई है ।
pollinator से लगभग 1.08 लाख किस्म के पौधों का अस्तित्व निर्भर है ।
pollinator मे देसी मधुमक्खी को भी सरंक्षित किया गया है । वन अनुसंधान को देशी मधुमक्खी को ढुढ्ने मे काफी मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि प्रदेश मे ही नहीं देश मे भी यूरोपियन मधुमक्खियों का पालन बढ़ता जा रहा है । वन अनुसंधान को यह देशी प्रजाति की मधुमक्खी कुमाऊँ घाटी के गरुड़ गाँव के किसी व्यक्ति से प्राप्त हुई ।
वर्तमान मे वन अनुसंधान संस्थान के निदेशक संजीव चतुर्वेदी हैं । भारतीय वन अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा वन आधारित प्रशिक्षण संस्थान है यह देहारादून मे स्थापित है इसकी स्थापना 1906 मे हुई थी । इसकी पूर्व नाम ‘इपिरियल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट’ था ।
इससे पूर्व इसी साल वन अनुसंधान ने ग्रीन रामायण पार्क भी हल्द्वानी मे स्थापित किया है जो भगवान राम से जुड़े वानस्पतिक जड़ी बूटी, पौधे, पुष्प के सरंक्षण से संबन्धित है ।
वन अनुसंधान द्वारा भारत का पहला liken पार्क भी पिथौरागढ़ के मुंस्यारी स्थापित किया गया है ।