उत्तराखंड में चाय की खेती सर्वप्रथम विशप हेबर ने 1824 में की .

चाय कमेटी का गठन वेंश्टिंग द्वारा सन 1834 में हुआ .

अल्मोड़ा के लक्षेश्वर व भीमताल के भरतपुर में चाय की पहली खेप लगायी गई .

स्थान का सर्वेक्षण डॉ फाल्कनर व विल्कवर्थ ने किया .

सन 1838 में फोर्चून नामक अंग्रेज को चीन भेजा गया जानकारी लेने के लिए .

1843 में कैप्टन हडलसन ने पौड़ी और गडोलि में चाय की बगान की स्थापना की गई .

1850 में चीनी विशेषज्ञ एस.आई. वोंग गढ़वाल आया था .

सन 1907 के आसपास एक चीनी काश्तकार D. A चौफीन द्वारा गडोली में एक सरकारी चाय फैक्ट्री की स्थापना की गई .

1928 में नैनीताल में 5 प्रमुख बागान बनाए गए थे .

1 . भवाली – मिस्टर न्यूटन का बागान
2. भवाली – मिस्टर मूलियन का बगान
3. भीमताल – में मिस्टर जोन्स का बगान
4. रामगढ़ – में मिस्टर डेरियाज का बगान
5. घोडाखाल –  में जनरल व्हीलर का बागान

अन्य जानकारियाँ

विश्व चाय दिवस – 21 मई
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चाय उत्पादन में प्रथम स्थान – चीन