कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है, दखते  हैं सरकार कैसे अपना कार्य करती है लेकिन जनसंख्या के दस साल पुराने आंकड़ों के आधार पर बच्चों के उपचार के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजाम किया जा रहा है। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन पुराने आंकड़ों के बजाय अनुमानित जनसंख्या वृद्धि दर या कोरोना के दूसरी लहर से 20 प्रतिशत ज्यादा मामलों के आधार पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजाम किया जाना चाहिए।

फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने कहा कि मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों के संबंध में सभी जिलों को आइसोलेशन, ऑक्सीजन, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर की व्यवस्था करने के दिशानिर्देश दिए गए हैं।

जिसमें शासन ने माना कि कोरोना की तीसरी लहर में उच्च स्तर पर संक्रमित मामलों की पीक संख्या 11552 हो सकती है। जो दूसरी लहर में एक दिन में आए अधिकतम संक्रमित मामलों से लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा है ।

दूसरी लहर के दौरान 7 मई 2021 को राज्य में सबसे ज्यादा 9642 पॉजिटिव मामले सामने आए थे। 18 अप्रैल से 22 मई तक पांच सप्ताह में कोरोना संक्रमण को लेकर सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुए थे। इन पांच सप्ताह के दौरान राज्य में कुल 189066 संक्रमित मामले और 3878 मरीजों की मौत हुई थी।

सरकार ने तीसरी लहर के लिए वर्ष 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों को लिया है। और पिछले 10 वर्षों में उत्तराखंड में जनसंख्या में बड़ा उछाल आया है। इसलिए तैयारियों को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए जनसंख्या के वर्तमान अनुमानित आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

शासन की ओर से जारी दिशानिर्देश में राज्य में 18 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 38 लाख 49 हजार 935 आंकी गई है। जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार ही राज्य में 19 वर्ष तक के लोगों की संख्या 42 लाख 53 हजार 118 लाख थी ।

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