इसमे लक्ष्मणगंगा, धौलीगंगा, नंदकिनी, पिंडर, मन्दाकिनी, नबालिका आदि नदियां आकर मिलती हैं ।
जल के घनत्व एवं अपने विशाल प्रवाह के कारण यह राज्य की प्रधान नदी है ।
उत्तराखंड के पंच-प्रयाग इसी के पावन तट पर अवस्थित है । प्रसिद्ध बदरीविशाल तीर्थ इसी के तट पर स्थित है ।
धौलीगंगा : यह नन्दा-त्रिशूली पर्वत शृंखला के पश्चिमी छोर से निकलती है । विष्णुप्रयाग मे यह अलकनंदा से मिलती है ।
नंदाकिनी : नंदाकिनी नदी नंदाघुंघटी से निकल कर घाट होते हुए नंदप्रयाग संगम पर अलकनंदा से मिलती है ।
पिंडर नदी : इसका उद्गम पिंडारी ग्लेशियर से है । यह चमोली जनपद के कर्णप्रयाग संगम पर अलकनंदा से मिलती है ।
मन्दाकिनी : यह चौराबाड़ी ताल से निकलती है । सोनप्रयाग में यह कालीगंगा से मिलती है । रुद्रप्रयाग में यह अलकनंदा से मिलती है ।
रामगंगा : पश्चिमी रामगंगा, आटागाड़, पश्चिमी व पूर्वी नयार तथा विनो नदी का उद्गम दूधातोली पर्वत से होता है ।
भिलंगना : टिहरी जनपद के उत्तरी छोर पर खटलिंग ग्लेशियर के निकल कर गणेश प्रयाग (पुरानी टिहरी) में भागीरथी से मिलती थी ।
अब यह सारा क्षेत्र टिहरी बांध बनने के कारण डूब गया है । 110 किमी0 लंबी यह नदी भागीरथी की सबसे बड़ी सहायक नदी रही है ।
इस नदी की सहायक नदी बालखिला (बाल गंगा) है तथा खतलिंग ग्लेशियर इसका उद्गम है ।
भागीरथी
: यह गंगोतरी के 19 किमी0 दूर शिवलिंग शिखर के नीचे गोमुख हिमनद से निकलती है ।
इसमे केदारगंगा, जाहन्वी (जाड़) गंगा तथा भिलंगना का संगम होता है ।
भिलंगना खतलिंग हिमानी से निकलती है ।
खतलिंग 3,658 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जिसके आसपास कई सुंदर एवं आकर्षक ताल स्थित हैं ।
झाला के समीप सियागंगा भागीरथी में मिलती है । देवप्रयाग में अलकनंदा एवं भागीरथी का संगम होता है ।
संगम के उपरांत इसे गंगा कहा जाता है । गंगा हरिद्वार में हिमालय से उतर कर मैदान कर मैदान में बहती है और
अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है ।
यमुना : उत्तरकाशी स्थित बंदरपूंछ पर्वत के पश्चिमी भाग में यमुनोतरी काँठा से निकलकर
1,385 किमी0 की यात्रा पूरी कर प्रयाग में गंगा से मिलती है ।
यह उत्तरकाशी एवं देहरादून जनपदों से होकर बहती है ।
इसकी मुख्य सहायक नदियां है – टोंस, (कालसी-विकास नगर) गिरि तथा आसान ।
काली या शारदा : काली नदी का उद्गम कालापानी से तथा मिलम से गौरी गंगा का उद्गम है ,
जो जौंलजीवी में मिलती हैं तथा बरामदेव मंडी के बाद इसे शारदा के नाम से जाना जाता है ।
कोसी : इसका उद्गम कौसानी व बिनसर की पहाड़ियों से होता है ।
