बैजनाथ मंदिर
बैजनाथ उत्तराखण्ड राज्य के बागेश्वर जनपद में गोमती नदी के किनारे एक छोटा सा नगर है। यह अपने प्राचीन मंदिरों के लिए विख्यात है, जिन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के रूप में मान्यता प्राप्त है। बैजनाथ उन चार स्थानों में से एक है, जिन्हें भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत ‘शिव हेरिटेज सर्किट’ से जोड़ा जाना है।
बैजनाथ को प्राचीनकाल में “कार्तिकेयपुर” के नाम से जाना जाता था, और तब यह कत्यूरी राजवंश के शासकों की राजधानी थी। कत्यूरी राजा तब गढ़वाल, कुमाऊँ तथा डोटी क्षेत्रों तक राज करते थे।
बागनाथ मंदिर
यहाँ बागेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है, जिसे स्थानीय जनता “बागनाथ” या “बाघनाथ” के नाम से जानती है। मकर संक्रांति के दिन यहाँ उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा मेला लगता है। स्वतंत्रता संग्राम में भी बागेश्वर का बड़ा योगदान है। कुली-बेगार प्रथा के रजिस्टरों को सरयू की धारा में बहाकर यहाँ के लोगों ने अपने अंचल में गाँधी जी के असहयोग आन्दोलन शुरवात सन १९२० ई. में की।
चंड़ीका बागेश्वर
देवी चांदिका को समर्पित एक सुंदर मंदिर बागेश्वर से करीब आधे किलोमीटर दूर स्थित है। हर साल, नवरात्रों के दौरान यहाँ श्रद्धालु की भीड़ उमडती है तथा माता की पूजा की जाती है।
श्रीहरु मंदिर
श्रीहरू मंदिर बागेश्वर से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है। भक्तों का मानना है कि यहां इच्छा पूर्ति के लिए की गयी प्रार्थना हमेशा फलित होती है| यहाँ हर साल नवरात्रों के बाद विजया दशमी के दिन एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।
गौरि मंदिर बागेश्वर
यह बागेश्वर से 8 किमी दूर है। यहां एक 20 गुणा 95 वर्ग मीटर की बड़ी गुफा है जिसमें भगवान शिव की मूर्तियां हैं।
कोटभ्रांमरी व नन्दा मंदिर
बैजनाथ से लगभग 2 किमी दूर झंगोली के पास कोट भ्रामरी का मंदिर स्थापित है । यहाँ कत्युरों की अधिष्ठाती कुल देवी “भ्रामरी” तथा चंदवंश द्वारा स्थापित “नंदादेवी” मंदिर है
पांडुस्थल
जिला मुख्यालय से 28 किमी की दूरी पर कुमाऊँ व गढ़वाल की सीमा पर प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत रमणीक यह स्थल है । किवंदती के अनुसार यहाँ अज्ञातकाल मे पांडवों ने प्रवास किया था । श्री कृष्ण जन्माष्टमी को यहाँ क्षेत्र का सुप्रसिद्ध मेला लगता है ।
भद्रकाली
बागेश्वर से 33 किमी की दूरी पर यह शक्तिपीठ स्थित है । इस पीठ को कुमाऊँ मे गढ़वाल के कालीमठ के समान प्रतिष्ठा है । यहाँ तीनों स्वरूप (महाकाली, महालक्ष्मी व महासरस्वती) की मूर्तियाँ हैं ।
बागेश्वर के निकट अन्य मंदिर
नागनाथ
पुष्कर नाग
रामघाट मंदिर
अग्निकुंड मंदिर
चन्देर का मंदिर
रामजी मंदिर
लोकनाथ आश्रम
नीलेश्वर महादेव
अमित जी का आश्रम
कुकुडा माई मंदिर
ज्वालादेवी मंदिर
सितलादेवी मंदिर
वेणीमाधव मंदिर
त्रिजुगीनारायण मंदिर
राधाकृष्णा मंदिर
हनुमान मंदिर
भीलेश्वर धाम
सूरजकुंड
स्वर्गाश्रम
सिद्धार्थ धाम
गोपेश्वर धाम
गोलू मंदिर
प्रकतेश्वर महादेव
source bageshwer administration website
