टिहरी परियोजना
- टिहरी जल विधुत परियोजना भागीरथी तथा भिलंगना नदियों के संगम पर टिहरी में स्थित है
- वर्तमान में टिहरी बाँध एशिया का सबसे ऊंचा बाँध है जिसकी ऊंचाई 260.5 मीटर है , इसकी विशालता के कारण इसे राष्ट्र का गाँव कहा गया है
- टिहरी बाँध की कुल विधुत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है
- टिहरी बाँध की कुल जल धारण क्षमता 354 करोड़ घन मीटर है तथा इसका जलाशय 42 वर्ग किमी में फैला है जिसे स्वामी रामतीर्थ सागर के नाम से जाना जाता है
- टिहरी परियोजना को 1972 में योजना आयोग ने स्वीकृति प्रदान की और 1978 में सिंचाई विभाग द्वारा इसका निर्माण शुरू किया गया , कार्य धीमा होने के कारण 1988 में इसके निर्माण की जिम्मेदारी टिहरी जल बाँध निगम का गठन कर उसको दे दी गयी
- टिहरी बाँध का डिजाईन प्रो. जेम्स ब्रून ने तैयार किया
- टिहरी के लोगो ने विस्थापन के चलते टिहरी बाँध का विरोध भी किया , बाँध के विरोध के लिए 1978 में टिहरी में बाँध विरोधी समिती का गठन किया गया
- टिहरी बांध कॉम्प्लेक्स के तीन चरण हैं । पहले चरण मे 1000 मेगावाट क्षमता का टिहरी बांध जलविद्धुत प्लांट है । जिसकी 250 मेगावाट की चार यूनिट हैं । दूसरे चरण मे चार यूनिटों वाली 400 मेगावाट क्षमता की शेष दो यूनिटों की कमीशनिंग मार्च 2011 मे तथा शेष दो यूनिटों की जनवरी 2012 मे हुई । बांध परियोजनाओं का 1000 मेगावाट क्षमता का तीसरा चरण टिहरी बांध पंप स्टोरेज प्लांट है ।
ग्लोगी जल विधुत परियोजना
- ग्लोगी जल विधुत परियोजना मसूरी के भट्टा फॉल पर स्थित है
- इसकी क्षमता 1000 मेगावाट की है
- ग्लोगी जल विधुत परियोजना उत्तराखंड को पहली जल विधुत परियोजना है इसमें 1909 से विधुत उत्पादन हो रहा है
विष्णु प्रयाग जल विधुत परियोजना
- विष्णु प्रयाग जल विधुत परियोजना चमोली जिले में अलकनंदा नदी पर स्थित है
- इसकी कुल क्षमता 650 मेगावाट है
- इसकी कोमीशनिंग 2006 मे हुई । जयप्रकाश पावर वेंचर्स कंपनी के स्वामित्व वाली इस परियोजना मे 100 मेगावाट की चार यूनिटें हैं
धौलीगंगा परियोजना
- धौलीगंगा परियोजना पिथोरागढ़ जनपद के धारचूला में धौलीगंगा नदी पर स्थित है
- इसकी कुल क्षमता 280 मेगावाट की है जिसे 2005 में शुरू किया गया
- इस परियोजना में कट ऑफ वाल तकनीक का प्रयोग किया गया है
पंचेश्वर बाँध परियोजना
- 1996 संधि के अनुरूप भारत और नेपाल सरकार की 6840 मेगावाट की यह परियोजना काली नदी पर बनाई जाएगी । परियोजना से उत्तपन्न बिजली और पानी को आधा – आधा बाँट लिया जाएगा । इसका बांध टिहरी से ढाई गुना बड़ा होगा ।
इनके अलावा उत्तराखंड की कुछ अन्य जल विधुत परियोजनाएं , उनसे सम्बंधित नदी , क्षमता तथा स्थिति निम्नलिखित है
- मनेरी भाली परियोजना – भागीरथी , 90 मेगावाट , उत्तरकाशी
- श्रीनगर जल विधुत परियोजना – अलकनंदा, 330 मेगावाट , श्रीनगर
- पथरी परियोजना – गंगा नहर , 20 मेगावाट, हरिद्वार
- खटीमा परियोजना – शारदा , 41 मेगावाट , उधम सिंह नगर
- छिबरो परियोजना – टोंस , 240 मेगावाट , देहरादून
- रामगंगा परियोजना – रामगंगा , 198 मेगावाट , पौड़ी
- टनकपुर परियोजना – शारदा , 120 मेगावाट , चम्पावत
राज्य के ऊंचे बांध
| बांध | नदी | ऊंचाई | संग्रहित जल(x106 घ.मी.) |
|---|---|---|---|
| कालगढ़ (पौड़ी गढ़वाल) | रामगंगा | 126.0 | 2369 |
| कोठार | कोसी | 155.0 | 4080 |
| किशो बांध (देहारादून) | टोंस | 253.0 | 2400 |
| टिहरी | भागीरथी | 260.5 | 3539 |
| लखवाड़ | यमुना | 192.0 | 580 |
