16 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व ओज़ोन दिवस या ‘ओज़ोन परत संरक्षण दिवस’ मनाया जाता है ।
1994 में, संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा 16 सितंबर को “विश्व ओजोन दिवस” घोषित किया ।
ओज़ोन परत सरंक्षण दिवस की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा 1987 में बने मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो गया ।
भारत 1993 से ओजोन विघटनकारी पदार्थों को धीरे-धीरे बाहर करने में लगा हुआ है ।
इस कार्य में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम यूएनडीपी ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
23 जनवरी, 1995 को यूनाइटेड नेशन की आम सभा में पूरे विश्व में इसके प्रति लोगों में
जागरूकता लाने के लिए 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया ।
ओज़ोन परत छिद्र की खोज
ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण वैज्ञानिकों फरमान, गर्दिनेर और शंक्लिन के द्वारा अंटार्कटिक “ओजोन छिद्र की खोज” वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक आघात थी ।
वैज्ञानिकों को पता चला कि इसके लिए वक्लोरोफ़्लोरोकार्बन (CFC) गैस जिम्मेदार है ।
CFC गैस की खोज 1920 में हुई थी ।
ओज़ोन परत को सामान्यतया डोबसन इकाई (Dobson unit) के रूप में व्यक्त किया जाता है और
संक्षेप में “DU” कहा जाता है ।
ओज़ोन परत क्या होती है ?
ओजोन(Ozone) एक हल्के नीले रंग की गैस होती है जो आक्सीजन के तीन परमाणुओं (O3) का यौगिक है ।
ओजन परत सामान्यत: धरातल से 10 किलोमीटर से 50 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच पाई जाती है ।
ओजोन परत बहुत ही महत्वपूर्ण है जो सूर्य की हानिकारक UVB तरंग दैर्ध्य (270–315 nm) किरणों से हमारी रक्षा करती है ।
यदि ओजोन परत को नुकसान पहुंचता है तो मनुष्य में त्वचा से जुड़ी तमाम बीमारियां हो सकती हैं ।
ओज़ोन परत सरंक्षण के लिए किए गए कार्य
ओजोन परत को बचाने की कवायद का ही परिणाम है कि आज बाजार में ओजोन फ्रेंडली फ्रिज, कूलर आदि आ गए हैं ।
इस परत को बचाने के लिए जरूरी है कि फोम के गद्दों का इस्तेमाल न किया जाए । प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम हो ।
रूम फ्रेशनर्स व केमिकल परफ्यूम का उपयोग न किया जाए और ओजोन फ्रेंडली रेफ्रीजरेटर, एयर कंडीशन का ही इस्तेमाल किया जाए ।
इसके अलावा अपने घर की बनावट ओजोन फ्रेंडली तरीके से किया जाए, जिसमें रोशनी, हवा व ऊर्जा के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों का प्रयोग हो ।