इनका जन्म – 21 अक्तूबर 1830
जोहार घाटी ( मिलम गांव ) , पिथौरागढ़
पेशा – अध्यापक सर्वेयर
उपनाम – मौलिक पंडित
पिता – अमर सिंह ( लाटा बूढा )
तिब्बती , फारसी व अंग्रेजी भाषा के ज्ञाता ।
1866 में व्यापारी भेष में नेपाल सीमा से लहासा तक सर्वेक्षण ।
काठमांडू से मानसरोवर झील का नक्शा तैयार किया ।
कैप्टन ट्रोटर नेहा से लहासा तक का कार्य सौंपा 1874 में ।
1876 में “द ज्योग्राफिकल मैगजीन” में इनका लेख छपा ।
1877 में रायल “ज्योग्राफिकल सोसायटी” लंदन द्वारा पेटनस स्वर्ण पदक में सम्मनित ।
27 जून 2014 को डाक टिकट 5 रुपया का ।
कमपेनीयन ऑफ इंडियन एंपायर (C I E) से सम्मानित ।
27 जून 2004 को डाक टिकट ।
1 फरवरी 1895 को देहांत ( heart attack’)
नैन सिंह जी की यात्रा का वर्णन एस एस पांगती  जी की पुस्तक “सागा ऑफ नेटिव एक्सप्लोरर” में मिलता है ।
नैन सिंह जी ने “अक्षांश दर्पण” नामक पुस्तक भी लिखी थी ।
उनकी यात्राओं पर अन्य पुस्तक निम्न है –
द पंडितस – डेरेक वालेर
एशिया की पीठ पर – शेखर पाठक व उषा भट्ट

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