जन्म – 25 जुलाई 1875, उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में हुआ था ।
माता-पिता – मैरी जेन कॉर्बेट, क्रिस्टोफ़र विल्लम कॉर्बेट
मृत्यु – अप्रैल 19, 1955 (उम्र 79) न्येरी, केन्या
राष्ट्रीयता – ब्रिटिश
व्यवसाय – शिकारी, प्रकृतिज्ञ, लेखक
पारिवारिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से उन्होंने जैसे तैसे करके पढ़ाई की और 19 वर्ष की उम्र में बिहार के मोकामा घाट जाकर रेलवे में नौकरी करने लगे।
बाद में ब्रिटिश सेना में कर्नल रहे ।
1928 में केसर ए हिन्द की उपाधि मिली ।
जिम कार्बेट आजीवन अविवाहित रहे। उन्हीं की तरह उनकी बहन ने भी विवाह नहीं किया। दोनों भाई-बहन सदैव साथ-साथ रहे और एक दूसरे का दु:ख बाँटते रहे ।
कुमाऊँ तथा गढ़वाल में जब कोई आदमखोर शेर आ जाता था तो जिम कार्बेट को बुलाया जाता था। जिम कार्बेट वहाँ जाकर सबकी रक्षा कर और आदमखोर शेर को मारकर ही लौटते थे।
साहित्य योगदान
The Man – eating Leopard of Rudraprayag
Man – Eaters of Kumaon
My india
Jungle Stories
The Temple tiger and More Man – eaters of Kumaon
Jungle Lore
My Kumaon : Uncollected Writings
Tree Tops
माता-पिता – मैरी जेन कॉर्बेट, क्रिस्टोफ़र विल्लम कॉर्बेट
मृत्यु – अप्रैल 19, 1955 (उम्र 79) न्येरी, केन्या
राष्ट्रीयता – ब्रिटिश
व्यवसाय – शिकारी, प्रकृतिज्ञ, लेखक
पारिवारिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से उन्होंने जैसे तैसे करके पढ़ाई की और 19 वर्ष की उम्र में बिहार के मोकामा घाट जाकर रेलवे में नौकरी करने लगे।
बाद में ब्रिटिश सेना में कर्नल रहे ।
1928 में केसर ए हिन्द की उपाधि मिली ।
जिम कार्बेट आजीवन अविवाहित रहे। उन्हीं की तरह उनकी बहन ने भी विवाह नहीं किया। दोनों भाई-बहन सदैव साथ-साथ रहे और एक दूसरे का दु:ख बाँटते रहे ।
कुमाऊँ तथा गढ़वाल में जब कोई आदमखोर शेर आ जाता था तो जिम कार्बेट को बुलाया जाता था। जिम कार्बेट वहाँ जाकर सबकी रक्षा कर और आदमखोर शेर को मारकर ही लौटते थे।
साहित्य योगदान
The Man – eating Leopard of Rudraprayag
Man – Eaters of Kumaon
My india
Jungle Stories
The Temple tiger and More Man – eaters of Kumaon
Jungle Lore
My Kumaon : Uncollected Writings
Tree Tops
1947 में केन्या में बस गए ।
19 अप्रैल , 1955 में देहांत हो गया ।