हाल ही में इजरायली वैज्ञानिकों ने चूहों पर शोध के दौरान “क्रिस्पर कैस – 9” नाम की अति नवीनतम

जीन एडिटिंग तकनीक से कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में कामयाबी हासिल की ।

उल्लेखनीय है कि इस प्रक्रिया में स्वस्थ कोशिकाओं को तनिक भी नुकसान नहीं पहुंचा है ।

मुख्य निष्कर्ष

इजरायल के तेल अवीव विश्वविधालय के शोधकर्ताओं के अनुसार ‘क्रिस्पर कैस-9’ तकनीक कैंसर

से जूझ रहे मरीजों के डीएनए में बारीक से बारीक काट-छाट संभव है ।

इसकी खासियत यह है कि कैंसर के इलाज में प्रयुक्त अन्य तकनीके जैसे किमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी जैसी बिलकुल भी नुकसानदेह नहीं है ।

इसके अलावा इस तकनीक की खासियत यह है कि इस तकनीक के नष्ट होने वाली कैंसर कोशिकाएँ दोबारा कभी सक्रिय नहीं हो पाती ।

क्या है क्रिस्पर कैस-9 तकनीक

इस तकनीक का सर्वप्रथम इस्तेमाल वर्ष 2015 में चीन में हुआ था परंतु उस समय इसका प्रयोग पूर्णतः सफल नहीं रहा था ।

इस तकनीक के द्वारा डीएनए में काट छाट संभव है ।

उल्लेखनीय है कि क्रिस्पर जीनोम एडिटिंग के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान हेतु इमेन्यूअल चारपेटियर तथा जेनिफर एनी डाउडना के

2020 में रसायन का नोबल पुरुस्कार प्रदान किया गया ।