जन्मस्थान – लाता गाँव ,चमोली
पिता का नाम – नारायण सिंह (मारछा जाति )
11 वर्ष की उम्र में रैनी गांव के मेहरबान सिंह ( तोल्छा जाति ) से विवाह हुआ.
1972 में रैनी गांव की महिला मंगल दल की अध्यक्षा चुनी गयी । इसी वर्ष इनकी मुलाक़ात चंडी प्रसाद भट्ट से भी हुई ।
23 मार्च 1974 को गोपेश्वर रैली का नेतृत्व किया और महिलाओं को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
26 मार्च 1974 को चिपको आन्दोलन का जन्म हुआ जब ठेकेदार का विरोध करते हुए गौरा देवी के नेतृत्व में सभी महिलायें पेड़ से चिपक गयी.
ठेकेदार से पेड़ को बचाते हुए गौरा देवी कहती है – ”मारो गोली और काट लो हमारा मायका ”
पर्यावरण को यह अपना मायका कहती थी ।
नवम्बर ,1986 में गौरा देवी को ‘वृक्ष मित्र पुरस्कार ‘ से सम्मानित किया गया और ये चिपको वुमन के नाम से विश्व प्रसिद्ध हो गयी ।
04 जुलाई 1991 में गौरा देवी जी का निधन हो गया ।
इनके नाम पर राज्य सरकार द्वारा कन्या धन बचत योजना चलायी गयी थी ।