राज्य में मौर्य, शुंग, यौधेय, कुषाण व गुप्त राजवंशो के अतिरिक्त स्थानीय कुणिन्द, पौरव व कत्यूरी शासनकाल से संबन्धित
सांस्कृतिक संपदा के संग्रहण, अनुरक्षण, अभिलेखीकरण, प्रदर्शन व उन पर शोध करने के उद्देश्य से 1979 में
इस संग्रहालय की स्थापना की गई ।
1989 ई. में इस संग्रहालय को भारत रत्न पंण्डित गोविन्द बल्लभ पंत नाम दिया गया तथा अब
यह “पंण्डित गोविन्द बल्लभ पंत, राजकीय संग्रहालय” के नाम से जाना जाता है ।
वर्तमान में यह माल रोड, अल्मोड़ा के निकट सैन्ट्रललॉज नामक भवन में स्थित है ।
कौसानी स्थित सुमित्रानंदन पंत के निजी आवास तथा खूंट स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत के आवास को संग्रहालय से जोड़ा गया है ।
यहाँ राज्य की कला, संस्कृति तथा पुरातत्व , आदि की महत्वपूर्ण जानकारी का संग्रहण तो है ही भारतीय इतिहास के विविध कालखण्डों
से संबन्धित मृणमूर्तियों, सूर्य मन्दिर आदि मुख्य हैं प्रस्तरमूर्तियों तथा सुवर्ण, रजत, ताम्र व अन्य
विभिन्न धातु के सिक्के भी संग्रहीत किये गए हैं ।
संग्रहालय के भीतर प्रवेश करते ही कॉरीडोर में उत्तराखण्ड के कुमाऊं एवं गढ़वाल मण्डलों के विशिष्ट देवालयों के स्थापत्य को
रंगीन छायाचित्रों के माध्यम से तिथि एवं क्रमवार प्रदर्शित किया गया है ।
इनमें कुमाऊं मण्डल के जागेश्वर, कटारमल, बैजनाथ मन्दिर तथा गढ़वाल मण्डल के लाखमण्डल, जमदाग्नि मन्दिर,
पलेठी का सूर्य मन्दिर आदि मुख्य हैं ।
