उत्तराखंड वन अनुसन्धान केंद्र ने हल्द्वानी में ग्रीन वाल्मीकि रामायण पार्क शुरू किया, यह पार्क भगवान श्री राम की पूरी Journey से संबन्धित है इस पार्क मे सभी पौधे और पौधो की प्रजातीया भगवान श्री राम द्वारा अयोध्या से श्रीलंका तक के सफर मे पड़ने वाले सभी जंगलो से संबन्धित हैं । वाल्मीकि रामायण में बताए गए 139 पौधों को, 35 बेल, फूल, पेड़ और 6 तरह के जंगल केंद्र में तैयार किए हैं। यह पूरे एक एकड़ में हैं। साथ ही सभी पौधों को रामायण से डिस्प्ले बोर्ड से दिखाए गए हैं। केंद्र से निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने इस रामायण पार्क का हल्द्वानी में शुभारम्भ किया।

उत्तराखंड के चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (रिसर्च विंग) संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि ग्रीन रामायण पार्क, जिसे हल्द्वानी इलाके के कुमाऊँ में विकसित करने में 6 महीने से ज्यादा का वक्त लगा है, खासतौर पर उस परिप्रेक्ष्य में जिसमें भगवान राम द्वारा भारत के चार प्रकार के मुख्य जंगलों में यात्रा की गई थी। दो अन्य जंगलों के प्रकार माता सीता और हनुमान से जुड़े हैं।

ग्रीन रामायण पार्क मे सभी पौधों मे उनके scientific names और संस्कृत श्लोक के साथ दर्शाया गया है , यह पार्क religious tourism के साथ साथ biodiversity को भी promote करने का नया तरीका भी है ।

भगवान राम की अयोध्या से श्रीलंका की यात्रा के दौरान वे भारतीय उपमहाद्वीप में चार प्रकार के जंगलों से गुजरे थे। इसमें चित्रकूट, दंडकारण्य, पंचवटी और किष्किंधा थे। अशोक वाटिका माता सीता और द्रोणगिरी भगवान हनुमान से ताल्लुक रखते हैं।’

ग्रीन रामायण पार्क को हल्वानी बायोडायवर्सिटी पार्क में एक एकड़ जमीन पर विकसित किया जाए। यहां प्लांट्स को लगाया और उनके संस्कृत के नामों का उल्लेख किया जो वाल्मिकी रामायण में बताए गए हैं। इनके साइंटिफिक नाम और पौधे की प्रजातियों से जुड़े श्लोकों को भी पौधों के साथ जिक्र किया गया है।

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