जन्म स्थान – चितई गांव,( अल्मोड़ा )
पिता – धर्मानंद पंत ( इंस्पेक्टर )
महत्वपूर्ण तथ्य –
पंत जी उग्र विचारधारा के व्यक्ति थे । हरगोविंद पंत की प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में संपन्न हुई।
तिलक इनकी राजनीतिक गुरु थे, जिनकी विचारों से पंडित जी प्रभावित हुई ।
पंत जी ने कुमाऊं परिषद की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1920 के कुप्रथा के काशीपुर अधिवेशन की अध्यक्षता की और कुली बेगार प्रथा उन्मूलन प्रस्ताव लाया गया।
सल्ट क्षेत्र में चलाए गए’ जंगलात सत्याग्रह कर बंदी आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन के पीछे हरगोविंद पंत का प्रत्यक्ष प्रभाव रहा है ।
हरगोविंद पंत ने 1921 में शीतला खेत मे सिद्ध आश्रम की सिद्ध आश्रम की स्थापना की ।
इस वर्ष उन्होंने तारीखेत मे प्रेम विद्यालय की स्थापना की ।
1928 में हल चलाकर कुलीन वर्ग की हल ना चलाने की प्रथा तोड़ी ।
1957 ईस्वी में वी लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए ।
मई 1957 में उनका देहांत हो गया ।
नोट – हरगोविंद पंत को उत्तराखंड का जननायक भी कहा जाता है ।
अल्मोड़ा कांग्रेस की रीढ व सल्ट का राजनीतिक गुरु भी कहते हैं ।
उन्हें अल्मोड़ा कांग्रेस की रीढ भी कहा जाता है ।
सल्ट कार राजनीतिक गुरु भी पंत जी को कहा जाता है ।
पंत जी गर्म विचारधारा के व्यक्ति थे।