कोविड-19  महामारी ने अर्थव्यवस्था के लगभग प्रत्येक क्षेत्र के लिए ही “जीवन बीमा आजीविका” की दुविधा उत्पन्न की है ।

प्रवासी श्रमिक समाज के उन सबसे कमजोर वर्गों में से एक जो इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं ।

खाध सुरक्षा की समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने

“वन नेशन वन राशन कार्ड” योजना की शुरुआत की है ।

ONORC योजना किसी लाभार्थी को उसका राशन कार्ड कहीं भी पंजीकृत होने से स्वतंत्र रखते हुये देश में कहीं भी

अपने कोटे पर खाधान्न प्राप्त कर सकने की अनुमति देती है ।

ONORC योजना की स्थिति 

वर्तमान में 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने योजना की औपचारिकता पहले ही पूरी कर ली है ।

जिसमे लाभार्थियों के राशन कार्ड को उनके आधार नंबर से लिंक किया जाना और

प्रत्येक FPS में ई-प्वाइंट ऑफ सेल (e-POS) मशीन को इन्स्टाल किया जाना शामिल है ।

ONORC योजना के लाभ 

भोजन के अधिकार को सक्षम करना : पूर्व में राशन कार्डधारक राष्ट्रीय खाध सुरक्षा अधिनियम के तहत सब्सिडीयुक्त खाधान्न

की अपनी पात्रता का लाभ केवल संबन्धित राज्य के अंदर निर्दिष्ट उचित मूल्य की दुकान (FPS) से ही प्राप्त कर सकते थे ।

ONORC सामाजिक न्याय के लिए इस भौगोलिक बाधा को दूर करने और भोजन के अधिकार को सक्षम करने की परिकल्पना करता है ।

आबादी के लगभग एक तिहाई भाग का समर्थन : देश की लगभग 37% आबादी प्रवासी श्रमिकों की है । इसलिए यह योजना उन सभी

लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो रोजगार आदि कारणो से एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर पलायन करते हैं ।

सामाजिक भेदभाव को कम करना : ONORC महिलाओं और अन्य वचित समूहों के लिए विशेष रूप से लाभप्रद होगा क्योंकि PDS

तक पहुँच प्रदान करने में सामाजिक पहचान (जाति, वर्ग और लिंग ) और अन्य प्रासंगिक घटकों (शक्ति संबंधो सहित)

को पर्याप्त महत्व दिया गया है ।

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