प्रयाग दत्त पंत जी का जन्म वर्ष 1898 में पिथौरागढ़ के ग्राम हलपाटी (चंडाक) में हुआ था ।
पिता – दुर्गा दत्त पंत
माता – भागीरथी देवी
प्रयाग दत्त इलाहाबाद में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही स्वाधीनता आंदोलन से प्रभावित हो गए थे।
स्नातक की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वह 1921 में असहयोग आंदोलन में कूद पड़े।
1921 में असहयोग आंदोलन के दौरान उन्होंने गांव गांव जाकर अंग्रेजी शासन के विरुद्ध प्रचार किया। इसी बीच सरकार ने कुमाऊँ में धारा 144 लगा दी और जुबान बंदी का आदेश जारी कर दिया।
आदेश का उलंघन करने के अपराध में उन्हें एक वर्ष की कड़ी सजा दी गयी तथा सेंट्रल जेल बरेली में रखा गया। 1935 मेंअल्प आयु में इनका निधन हो गया।
उत्तराखंड की धरती पर स्वतंत्रता आंदोलन शुरू करने श्रेय प्रयाग दत्त पंत को जाता है।
पिता – दुर्गा दत्त पंत
माता – भागीरथी देवी
प्रयाग दत्त इलाहाबाद में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही स्वाधीनता आंदोलन से प्रभावित हो गए थे।
स्नातक की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वह 1921 में असहयोग आंदोलन में कूद पड़े।
1921 में असहयोग आंदोलन के दौरान उन्होंने गांव गांव जाकर अंग्रेजी शासन के विरुद्ध प्रचार किया। इसी बीच सरकार ने कुमाऊँ में धारा 144 लगा दी और जुबान बंदी का आदेश जारी कर दिया।
आदेश का उलंघन करने के अपराध में उन्हें एक वर्ष की कड़ी सजा दी गयी तथा सेंट्रल जेल बरेली में रखा गया। 1935 मेंअल्प आयु में इनका निधन हो गया।
उत्तराखंड की धरती पर स्वतंत्रता आंदोलन शुरू करने श्रेय प्रयाग दत्त पंत को जाता है।