लिखने की रीति को “वर्तनी” या “अक्षरी” कहते हैं । इसे “हिज्जे” भी कहा जाता है । वर्तनी का सीधा संबंध उच्चारण से होता है । हिन्दी मे जो बोला जाता है वही लिखा जाता है । यदि उच्चारण अशुद्ध होगा तो वर्तनी भी अशुद्ध होगी । व्याकरण और भाषा के ज्ञान मे कमी के कारण वर्तनी मे अशुद्धियाँ आ जाती हैं ।
अशुद्ध शब्द शुद्ध शब्द अर्थ
उज्जवल उज्ज्वल साफ, स्वच्छ, निर्मल
इक्षा ईक्षा दृष्टि, इंद्रियों की कार्य होता है।
उज्जयिनी उज्जयिनी एक प्राचीन शहर
अनुग्रहीत अनुगृहीत उपकृत, एहसानमंद, कृतज्ञ
अनभिज्ञा अनभिज्ञ जो किसी बात को जानता न हो; अनजान; नावाक़िफ़
उत्ग्रीव उद्ग्रीव जो गला ऊपर उठाये हो।
ज्योतसना ज्योत्सना जिसका अर्थ है देवी दुर्गा, चंद्रमा प्रकाश, आलोक होता है ।
अजसत्र अजस्त्र अविच्छिन्न, लगातार
शुश्रुषा शुश्रूषा परिचर्या, सेवा, कर्तव्यपरायणता ।
जिजीविशा जिजीविषा जीने की चाह
अंताक्षरी अनत्याक्षरी कविता के अंतिम अक्षर से शुरू होनेवाला अक्षर लेकर छंद बनाना
बारात बरात किसी के विवाह में उसके घर के लोगों, संबंधियों, इष्टमित्रों का मिलकर बधू के घर जाना
इसाई ईसाई ईसाई, ईसाई मतानुयायी, ईसाई धर्म-संबंधी
संसारिक सांसारिक संसार का, लौकिक, ऐहिक, जिसका संबंध संसार की विषयों एवं वस्तुओं से हो।
बिमारी बीमारी रोग
अनुग्रहीत अनुगृहीत कृतज्ञ, आभारी
गुरू गुरु शिक्षक, पूज्य पुरुष, वज़नदार, भारी
बहुव्रीही बहुव्रीहि समास का वह प्रकार जिसमें सभी पदों के योग से भिन्न अर्थ ग्रहण किया जाय
श्रीमति श्रीमती पत्नी, विवाहित स्त्रियों के नाम के पूर्व जोड़ा जानेवाला आदरसूचक शब्द
एक्ट ऐक्ट नियम
पारलोकिक पारलौकिक परलोक संबंधी, परलोक का
महंगा महँगा बहुमूल्य
दुख दु:ख कष्ट, पीड़ा, दु:ख, शोक, व्यथा
प्राय प्राय: करीब-करीब ; लगभग, अक्सर , अधिकतर
निशुल्क नि:शुल्क मुफ्त, बिना मूल्य का प्राप्त होनेवाला
अंत्येष्ठि अंत्येष्टि मृतक कर्म
कैलाश कैलास जो हिमालय चोटी की शांति bestows, नाम, भगवान शिव का धाम होता है।
अधोपतन अध:पतन अधोगमन, पतन, अध:पतन, गिरावट, (विशेष) कर के दर में कमी
कुमुदनी कुमुदिनी कुमुदिनी, कुमुद पुष्प
कवियत्री कवयित्री कविता रचनेवाली स्त्री, महिला कवि
वैवाहारिक व्यवाहारिक व्यवहार संबंधी, व्यवहार में आने योग्य