विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि टीकाकरण का दायरा ज्यादा न होने से कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप तेजी से फैल रहा है जिससे स्वास्थ्य प्रणालियों पर अधिक दबाव पड़ने की आशंका है। मंगलवार को जारी महामारी अपडेट में कहा गया है कि 13 जुलाई तक, कम से कम 111 देशों, क्षेत्रों एवं इलाकों ने डेल्टा स्वरूप के मिलने की पुष्टि हुई है और इसके बढ़ने की आशंका है जो आने वाले महीनों में वैश्विक स्तर पर हावी स्वरूप बन जाएगा।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, डेल्टा स्वरूप के साथ जुड़ी बढ़ी हुई प्रसार क्षमता से मामले काफी हद तक बढ़ने और स्वास्थ्य ढांचों पर अत्यधिक दबाव डालने की आशंका है, खासकर टीका कम लगाए जाने के संदर्भ में। डेल्टा स्वरूप की फैलने की क्षमता अब तक पहचाने गए चिंता वाले अन्य स्वरूपों (वीओसी) की तुलना में कहीं ज्यादा है।
बढ़ी हुई संक्रामकता का मतलब है कि यह आने वाले महीनों में दुनिया भर में प्रमुख स्वरूप बनने वाला है। इसके अलावा टीका वितरण में असमानता के चलते भी डेल्टा तेजी से फैल रहा है। कोवाक्स कार्यक्रम के तहत इस टीका असमानता को कम करने पर कार्य किया जा रहा है।
बता दें कि भारत में दूसरी लहर की गंभीरता का प्रमुख कारण माना जा रहा डेल्टा वैरिएंट अब कई अन्य देशों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) लगातार इस घातक वैरिएंट की संक्रामकता के बारे में लोगों से सचेत रहने की अपील कर रहा है। इसी संबंध में डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ. टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने अपने हालिया बयान में डेल्टा के तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है।
डॉ टैड्रॉस कहते हैं, दुनियाभर में एकबार फिर से कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों और मौत के लिए डेल्टा वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है। जिस तरफ्तार से इस वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, आशंका है कि आने के कुछ दिनों में यह ज्यादातर देशों को अपनी चपेट में ले सकता है। वर्तमान में, डेल्टा वैरिएंट 104 से अधिक देशों में फैला चुका है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस घातक संक्रामक वायरस से निपटने के लिए मिलकर काम करने की अपील की है। डॉ. टैड्रॉस ने एक बार फिर से टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने की अपील करते हुए कहा है कि इस अदृश्य लेकिन बेहद खतरनाक कोरोना के वायरस से लड़ने के लिए फिलहाल हमारे पास वैक्सीनेशन ही एक उपाय है, सभी देशों को टीकाकरण के अभियान में तेजी लानी चाहिए, जिससे डेल्टा वैरिएंट को काबू में किया जा सके।