अफगानिस्तान में तालिबान का दबदबा बढ़ने से यहां के हालात आए दिन बिगड़ते जा रहे हैं। तालिबानी आतंकी देश में आए दिन हिंसा व खूनी खेल खेल रहे हैं। तालिबान का दावा है कि उसके लड़ाकों ने अफगानिस्तान के 90 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इधर, अफगान सेना लगातार अपने इलाकों को तालिबानियों के चंगुल से छुड़ाने की कोशिश कर रही है। देश में फैली अशांति के बीच विदेश विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार (23 जुलाई) को संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अगले सप्ताह भारतीय नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। ऐसे में वे अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता हासिल करने के तरीकों पर चर्चा करने की योजना बना रहे हैं।
अगले सप्ताह भारत की यात्रा करेंगे ब्लिंकन
बता दें, ब्लिंकन अगले सप्ताह अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे और इंडो-पैसिफिक जुड़ाव और साझा क्षेत्रीय सुरक्षा हितों सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, ‘क्षेत्रीय मुद्दों पर हम अफगानिस्तान में न्यायसंगत और टिकाऊ शांति का समर्थन करने के अपने प्रयासों पर चर्चा करने का इरादा रखते हैं। अफगानिस्तान के सभी पड़ोसियों और इस क्षेत्र के देशों में एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान में रुचि है, जिसे केवल एक बातचीत के माध्यम से पूरा किया जा सकता है, जो 40 साल के संघर्ष को समाप्त करता है। बेशक, भारत इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भागीदार है और हम अफगानिस्तान में शांति और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए भारत की साझा प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं।’
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए थॉम्पसन ने कहा, ‘हम भारत-प्रशांत के इस साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए भारत और इस क्षेत्र के अन्य दोस्तों और भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं। महत्वपूर्ण रूप से, हम कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए अपने स्वास्थ्य सहयोग पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें क्वाड वैक्सीन साझेदारी भी शामिल है जिसे पहली बार राष्ट्रपति बाइडन के क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान घोषित किया गया था।’

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