बागेश्वर में स्थित मंदिर
बैजनाथ मंदिर बैजनाथ उत्तराखण्ड राज्य के बागेश्वर जनपद में गोमती नदी के किनारे एक छोटा सा नगर है। यह अपने प्राचीन मंदिरों के लिए विख्यात है, जिन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
बैजनाथ मंदिर बैजनाथ उत्तराखण्ड राज्य के बागेश्वर जनपद में गोमती नदी के किनारे एक छोटा सा नगर है। यह अपने प्राचीन मंदिरों के लिए विख्यात है, जिन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
चम्पावत में स्थित मंदिर बाराही मन्दिर (देवीधुरा) “वाराही मंदिर” उत्तराखण्ड राज्य के लोहाघाट नगर से 60 किलोमीटर दूर स्थित है। शक्तिपीठ माँ वाराही का मंदिर जिसे देवीधुरा के नाम से भी
चमोली में स्थित मंदिर वृद्ध बद्री चमोली मे स्थित एक प्राचीन मंदिर, ऋषिकेश-जोशीमठ-बद्रीनाथ मार्ग पर जोशीमठ से 7 किमी (4.3 मील) की दूरी पर अनिमथ गाँव (1,380 मीटर (4,530 फीट), समुद्र
मनसा देवी मंदिर, Haridwar (Mansa Devi Temple) मनसा देवी मंदिर हरिद्वार में बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर देवी मनसा देवी को समर्पित है। यह बिलवा पर्वत पर स्थित है।
उत्तरकाशी में स्थित मंदिर विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Temple) उत्तरकाशी ऋषिकेश से 154 किलोमीटर की दूरी पर ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग पर स्थित है। विश्वनाथ मंदिर इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन
नैनीताल में स्थित मंदिर नैनादेवी मंदिर (Naina Devi Temple) – नैनीताल में, नैनी झील के उत्त्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है। 1880 में भूस्खलन से यह मंदिर नष्ट हो
नागटिब्बा मंदिर (Nagtibba Temple) नागटिब्बा में नागराजा का प्राचीन मंदिर है, जो क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है। इसी निमित्त यहां हर साल जून में धार्मिक और पर्यटन
देहरादून में स्थित मंदिर महासू देवता मंदिर (हनोल) (mahasu devta mandir) –यह मंदिर चकराता के पास हनोल गांव में टोंस नदी के पूर्वी तकट पर स्थित है। एक नहीं 4 देवता है
राजा बालो कल्याणचंद बालो कल्याणचंद ने सन 1563 में अल्मोड़ा नगर बसाया और यहाँ चंद राजाओं की राजधानी स्थापित की। कहते है अल्मोड़ा घास ले जाने वाली अल्मोडियों से अल्मोड़ा
कल्याण चन्द चतुर्थ अजीतचंद की मृत्यु के पश्चात इनके 18 दिन के पुत्र राजा कल्याण चन्द चतुर्थ को राज्यधिकारी बनाया गया। इसके समय में 1730-1737 के मध्य कुमाऊ क्षेत्र में