भारत-चीन सीमा से सटे देश के चमोली जिले के अंतिम गांव माणा मे हर्बल गार्डेन विकसित किया गया है ।
यह देश का सबसे अधिक ऊंचाई वाला हर्बल गार्डन है
पार्क की ऊंचाई 11 हजार फीट है ।
गार्डेन को शनिवार 21 अगस्त 2021 को आम लोगों के लिए खोल दिया गया ।
उत्तराखंड वन विभाग की अनुसंधान शाखा की ओर से इस हर्बल गार्डेन को तैयार किए गया ।
पार्क में औषधीय महत्व की 40 प्रजातियों को संरक्षित किया गया है ।
इस हर्बल गार्डेन को वन पंचायत की ओर से उपलब्ध कराई गई करीब तीन एकड़ भूमि पर निर्माण किया गया है ।
पार्क को केंद्र सरकार की कैंपा योजना के तहत तीन साल में तैयार किया गया है ।
हर्बल गार्डेन का उद्घाटन एक साधे समारोह में माणा वन पंचायत के सरपंच पीतांबर मोल्फा के हाथों कराया गया ।
पार्क में कई प्रजातियां आईयूसीएल रेड लिस्ट में शामिल हैं ।
ये प्रजातियां राज्य जैव विविधता बोर्ड की ओर से लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में भी शामिल हैं ।
पार्क मे स्थित प्रजातियों को निम्न समूहो मे बांटा गया है –
पहला समूह : भगवान बदरी से जुड़ी प्रजातियां
भगवान बदरीनाथ से जुड़ी बदरी तुलसी, बदरी बेर, बदरी वृक्ष, भोज पत्र को एक समूह में रखा गया है ।
बदरी बेर को स्थानीय लोग ‘अमेश’ नाम से भी जानते हैं, जो न्यूट्रिशन से भरपूर फल होता है ।
दूसरा समूह :अष्टवर्ग प्रजातियां
रिद्धि, वृद्धि, जीवक, ऋषभक, ककोली, क्षीर कोकोली, मेंदा, महामेंदा शामिल हैं ।
महामेंदा च्यवनप्राश में प्रयुक्त होने वाला सबसे महत्वपूर्ण पदार्थ है।
तीसरा समूह : कमल से बना
इसे कमल का बनाया गया है ।
इसमें ब्रह्म कमल, फेम कमल, नील कमल, कूट को रखा है ।
वनस्पति विज्ञान में इसे सेररिया परिवार कहा जाता है।
चौथा समूह : अति दुर्लभ वृक्ष एवं हर्ब प्रजातियां
चौथे समूह में उच्च हिमालयी बुग्याल क्षेत्रों में पाये जाने वाले अति दुर्लभ वृक्ष एवं हर्ब की प्रजातियों को शामिल किया गया है ।
इसमें अतीश, मीठा विष, छोटा अतीश, वन ककड़ी, चोरु, पाषण भेद, कुटकी, थुनेर का वृक्ष, तानसेन का वृक्ष, रिक्चा शामिल हैं ।