उनका जन्म 09 अगस्त 1933 को राजस्थान के अजमेर के एक प्रतिष्ठित एवं सुशिक्षित परिवार में हुआ था।

लेकिन वे मूलरूप से अल्मोडा के निवासी थे।

उन्होंने स्नातक की शिक्षा विज्ञान में लखनऊ विश्वविद्यालय से पूरी की।

मनोहर श्याम जोशी हमारे दौर की एक साधारण शख़्सियत थे। साहित्य, पत्रकारिता, टेलीविजन, सिनेमा जैसे अनेक माध्यमों में वह सहजता से विचरण कर सकते थे। उनकी मेधा और ज्ञान जितना चर्चित था, उतना ही उनका विनोद और सड़क के मुहावरों पर उनकी पकड़ भी जानी जाती थी।

सर्वप्रथम हुए आकाशवाणी में रहे , फिर नवभारत टाइम्ससाप्ताहिक हिंदुस्तान के संपादक रहे और कुछ समय तक दूरदर्शन के निर्देशक भी रहे इन्होंने कही धारावाहिक लिखा ।

दूरदर्शन के प्रसिद्ध और लोकप्रिय धारावाहिकों- ‘ बुनियाद’ ‘नेताजी कहिन’, ‘मुंगेरी लाल के हसीं सपने’, ‘हम लोग’ आदि के कारण वे भारत के घर-घर में प्रसिद्ध हो गए थे।
उनके प्रमुख धारावाहिक निम्नलिखित हैं-
हमलोग
बुनियाद
कक्का जी कहिन
मुंगेरी लाल के हसीन सपनें
हमराही
ज़मीन आसमान
गाथा

वे रंग-कर्म के भी अच्छे जानकार थे। उन्होंने धारावाहिक और फिल्म लेखन से संबंधित ‘ पटकथा-लेखन’ नामक पुस्तक की रचना की है।

उनकी प्रमुख पुस्तकों में
कुरु कुरु स्वाहा -1980
कसप – 1982
हरिया हरक्युलिस की हैरानी – 1994
हमज़ाद – 1996
टा टा प्रोफ़ेसर -2001
कयाप – 2001
कौन हूँ मैं – 2006
कपीशजी – 2009
वधस्थल – 2009
उत्तराधिकारिणी – 2015 आदि है ।

“हे राम” ,  “अप्पू राजा” , “पापा कहते हैं”  जैसी कुछ फिल्मों के लिए उन्होंने पटकथा भी लिखी ।

क्याप” और “कसप” उनके कुमाऊनी उपन्यास है ।

30 मार्च 2006 को उनका निधन हो गया ।

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